IELTS

IELTS EXAM

IELTS Exam




(INTERNATIONAL ENGLISH LANGUAGE TESTING SYSTEM)
IELTS एक ऐसा एग्जाम/परिक्षा है,जो ज्यादातर विदेश में जाने लोगो के लिए जरुरी है।IELTS का एग्जाम आपको प्रमाण देता है,कि आपको इंग्लिश/अंग्रेजी भाषा अच्छे से आती है।
अगर आपके आस-पास या घर में कोई विदेश किसी काम या पढाई को लेके जाता है,तो उनसे आपने IELTS के एग्जाम के बारे में शायद सुना होगा।IELTS एग्जाम ज्यादातर विदेश में जाने वाले लोगो को देना ही पड़ता है,जो कही देशो में अब जरुरी बन चूका है।

1.Introduction


IELTS का एग्जाम सिर्फ भारत में नहीं,बल्कि विश्व स्तर पर होता है।जिन लोगो को उन देशों में जाना हो, जहाँ अंग्रेजी मुख्य कार्यरत भाषा की तरह इस्तमाल की जाती है,तो उन्हें किसी भी हालात में IELTS का एग्जाम पास करना ही होता है। IELTS के पूरे विश्व के 140 देशो में 1250 से ज्यादा टेस्ट सेन्टर है। IELTS द्वारा प्रमाणित व्यक्ति UK ,न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और UK जैसे देशों मे पढ़ने के लिए आवेदन कर सकता है और IELTS की मदद से उन्हें VISA मिलने में आसानी रहती है और तो ओर इसकी मदद से आप ऑस्ट्रेलिया में लिविंग वीसा के लिए भी अप्लाई कर सकते है।
कई देशों में तो IELTS के बिना वीजा की सुविधा ही नहीं मिलती. दुनिया भर में 9000 आर्गेनाइजेशन इस टेस्ट को स्वीकार करते हैं. अगर आपको विदेश में पढ़ाई करनी है तो इस टेस्ट को पास करना होगा.
इस एग्जाम में 4 सेक्शन होते हैं.

  1. Listening

  2. Reading

  3. Writing

  4. Speaking.


Ability


IELTS एग्जाम देने के लिए आवेदक की उम्र 16 साल से ज्यादा होनी चाहिए। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूके, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में स्टडी के लिए जो छात्र आवेदन करते हैं उनको एग्जाम देना पड़ता है। जो मेडिकल प्रफेशनल्स संयुक्त राज्य अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया में काम करने या अपनी स्टडी करना चाहते हैं, उनको भी टेस्ट देना होता है। इसके अलावा जो लोग कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं, उनको भी यह टेस्ट देना होता है।


Types Of IELTS Exam


IELTS की परीक्षा दो प्रकार की है,पहली परीक्षा का नाम “ACADEMIC TEST” है और दूसरी परीक्षा का नाम “GENERAL TRANINING” है।अगर कोई व्यक्ति IELTS से प्रमाण प्राप्त करना चाहता है,तो उन्हें इन दोनों में से एक टेस्ट क्लियर करना होता है।
  1. Academic Test:-

  2. यह टेस्ट उन लोगो के लिए है,जो अपनी आगे की पढ़ाई विदेशो में करना चाहते है।जिन यूनिवर्सिटी/कॉलेज में अंग्रेजी भाषा का ही इस्तमाल होता है,उनमें पढ़ने के लिए IELTS का यह टेस्ट क्लियर करना जरुरी है।
  3. General Training:-

  4. जनरल ट्रेनिंग का टेस्ट उन लोगो के लिए होता है,जो पढाई के अलावा अन्य किसी ऑफिसियल काम से विदेश जा रहे हो। इसका लेवल academic से थोड़ा कम होता है।


Process of Giving IELTS Exam in India


IELTS का टेस्ट देने के लिए आप भारत मे ऑनलाइन IELTS की OFFICIAL साइट से आवेदन भी कर सकते है और आवेदन करते समय आपसे टेस्ट सेंटर के बारे में पूछा जाता है।भारत मे कुल 47 से ज्यादा टेस्ट सेंटर है,आप उसमें से कोई भी सेंटर चुन सकते है।IELTS के लिए आवेदन आप ऑनलाइन भी कर सकते है,नहीं तो आप सीधे IELTS के सेंटर पर जा सकते है। परन्तु अब कोई भी सीधे IELTS का एग्जाम नही देता है और देना भी नही चाहिए.इससे पहले इंग्लिश कोचिंग और टेस्ट पैटर्न को समझना जरुरी है.

Exam Pattern


IELTS के सिलेबस में चार सेक्शन होते हैं। वे चार सेक्शन पढ़ना, सुनना, बोलना और लिखना शामिल है। किसी भी कैंडिडेट की मार्किंग इन चार सेक्शनों के आधार पर की जाती है और ओवरऑल IELTS स्कोर तैयार किया जाता है। कुल स्कोर सभी चार स्किल एरिया में प्राप्त स्कोरों का योग होता है। 
सभी चार स्किल में 1 से लेकर 9 स्केल तक स्कोर दिया जाता है। इसके अलावा ओवरऑल स्कोर भी दिया जाता है। 
IELTS का टेस्ट कुल 2 घण्टे 55 मिनट का होता है, जिसमे पढ़ना (60 मिनट), लिखना (60 मिनट ), सुनना (40 मिनट ) और बोलने (15 मिनट ) का टेस्ट होता है ।
IELTS में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अंतिम में टेस्ट रिपोर्ट दी जाती है। IELTS में चेकिंग में ग्रेड दिए जाते है,जो 0 से 9 के बीच है और सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले को पूरे 9 ग्रेड दिए जाते है। अगर कोई आवेदनकर्ता टेस्ट में पूरी तरह से असक्षम होता है, तो उसे ” 0″ ग्रैड दिया जाता है । यहाँ ग्रेड को बैंड कहा जाता है.जितने ज्यादा बैंड होगे,उतनी ज्यादा विदेश में कॉलेज और यूनिवर्सिटी मिलने में आसानी होती है.

Quote

"Educationists should build the capacities of the spirit of inquiry, creativity, entrepreneurial and moral leadership among students and become their role model."

Dr. Abdual Kalam